best moral stories in hindi
इस new moral stories in hindi में एक लालची औरत की कहानी है जिसने अपने लालच मर आकर अपना पापो का घड़ा भर लिया और जब वह भर गया तो उसका अंजाम बहुत बुरा हुआ ।
गावँ की औरतें अक्सर पानी के लिए घाट पर जाती है ।
ऐसी ही एक गाँव था वहां दो सहेलियां थी ,उनकी शादी हो चुकी थी पर
Moral stories in hindi -पाप का घड़ा ।
गावँ की औरतें अक्सर पानी के लिए घाट पर जाती है ।
ऐसी ही एक गाँव था वहां दो सहेलियां थी ,उनकी शादी हो चुकी थी पर
उनका घर सामने ही था । इसी लिए वह दोनों मिलकर पानी ले लिए जाती थी ।
जब भी समय मिलता दोनो बहुत पुरानी दोस्त थी , एक थी राधा , ओर दूसरी सीता ।
राधा बहुत लालची थी , वह अक्सर लोगो के कीमती चीजो को देख कर लालच करती थीं, सीता एक सुशील लड़की थी , सुंदर , ओर शान्त ।
नदी के किनारे एक बढ़िया रहती थीं ।
उस बुढ़िया को कीमती सामान रखने का बहुत शोक था , उसके पास बहुत कीमती सामान था । जिसमे से वह थोड़ा बहुत बेच कर अपना गुजारा कर देती थी ।
वह बुढ़िया लोगो की मदद भी करती थी , क्योकि इससे उसे खुशी मिलती थी ।
एक दिन जब दोनों सहेलियां पानी लेने जा रही थी , तो उस बुढ़िया ने आवाज लगाई , बेटी ।
बेटी की तुम मेरे लिए पानी ले आओगे , सीता ने सुना और कहा जरूर माता जी , हम आपके लिए पानी जरूर ले आयंगे ।
तब सीता अपने घड़े में पानी भर कर ले आयी , ओर बुढ़िया को दे दिया ।
बुढ़िया ने कहा बेटा में इसे अंदर तक नही ले जा सकती इसी लिए क्या तुम इसे अंदर ले जाओगे ,
सीता मांन गई और पानी अन्दर ले आयी , जब उन दोनों ने अंदर देखा , तो वह चोंक गये ।
बुढ़िया के कमरे में बहुत कीमती सामान था । और सबसे अच्छा समान था एक सोने की गागर ।
इससे अब राधा को जलन होने लग गई ।
सीता बोली माताजी आपके पास इतना कीमती सामान कैसे है ।
तब बुढिया बोली बेटा उस समान मुझे जमा करने में खुशी होती है ।
राधा बोली इस खुशी को देख कर तो मुझे भी जलन होने लग गई है ।
तब बुढ़िया बोलू में इसे लोगो को भी देती हूं , इससे मुझे ओर खुशी होती है ,
तब राधा बोली फिर यह सोने की गागर तुम मुझे दे दो , तो बुढ़िया बोली ओर तुम्हार्रे पास तो गागर है ।
तब राधा मन मे सोच रही थी , की इसका मतलव यह गागर मेरे पास नही होने चाहिए ।
अब वह रात भर उस सोने की गागर कर बारे में सोच रही थीं ।
ओर अब उसने रात को एक युक्ति बना दी ।।
दूसरे दिन वह फिर पानी लेने गये , जब दोनों ने पानी भर लिया तो राधा ने कहा कि तुम मेरी गागर पकड़ोगी ।
तब सीता ने गागर पकड़ ली , ओर राधा ने फिर गिरने का नाटक कर के सीता पर धक्का लगा दिया ,सीता नीचे गिर गई , पानी मे गागर डूब गई और बाह गई ।
अब दोनों के पास गागर नही थी तब वह बुढ़िया के घर गये ओर उसे बोला माताजी हमारी गगरी डूब गई क्या आप हमें अपनी गगरी दोगी ।
बुढिया ने कहा बेटी जो भी पसंद हो वह गगरी उठा लो , राधा ने सोने वाली गगरी उठा ली , ओर सीता ने मिट्टी वाली तांबे की गगरी ले ली ।
अब राधा बहुत खुश थी , वह पानी लेकर घर आ गई वह बहुत खुश थी ।
अब जैसे ही राधा ने गागर नीचे रखी , गगरी से चीटियां निकलने लग गई ।
वह गगरी जादुई थी । चीटियां राधा पर चढ़ गई, राधा भागने लगे ।
ओर वह बुढिया के घर गई ।
जब भी समय मिलता दोनो बहुत पुरानी दोस्त थी , एक थी राधा , ओर दूसरी सीता ।
राधा बहुत लालची थी , वह अक्सर लोगो के कीमती चीजो को देख कर लालच करती थीं, सीता एक सुशील लड़की थी , सुंदर , ओर शान्त ।
नदी के किनारे एक बढ़िया रहती थीं ।
उस बुढ़िया को कीमती सामान रखने का बहुत शोक था , उसके पास बहुत कीमती सामान था । जिसमे से वह थोड़ा बहुत बेच कर अपना गुजारा कर देती थी ।
एक दिन जब दोनों सहेलियां पानी लेने जा रही थी , तो उस बुढ़िया ने आवाज लगाई , बेटी ।
बेटी की तुम मेरे लिए पानी ले आओगे , सीता ने सुना और कहा जरूर माता जी , हम आपके लिए पानी जरूर ले आयंगे ।
तब सीता अपने घड़े में पानी भर कर ले आयी , ओर बुढ़िया को दे दिया ।
बुढ़िया ने कहा बेटा में इसे अंदर तक नही ले जा सकती इसी लिए क्या तुम इसे अंदर ले जाओगे ,
सीता मांन गई और पानी अन्दर ले आयी , जब उन दोनों ने अंदर देखा , तो वह चोंक गये ।
बुढ़िया के कमरे में बहुत कीमती सामान था । और सबसे अच्छा समान था एक सोने की गागर ।
इससे अब राधा को जलन होने लग गई ।
सीता बोली माताजी आपके पास इतना कीमती सामान कैसे है ।
तब बुढिया बोली बेटा उस समान मुझे जमा करने में खुशी होती है ।
राधा बोली इस खुशी को देख कर तो मुझे भी जलन होने लग गई है ।
तब बुढ़िया बोलू में इसे लोगो को भी देती हूं , इससे मुझे ओर खुशी होती है ,
तब राधा मन मे सोच रही थी , की इसका मतलव यह गागर मेरे पास नही होने चाहिए ।
अब वह रात भर उस सोने की गागर कर बारे में सोच रही थीं ।
ओर अब उसने रात को एक युक्ति बना दी ।।
दूसरे दिन वह फिर पानी लेने गये , जब दोनों ने पानी भर लिया तो राधा ने कहा कि तुम मेरी गागर पकड़ोगी ।
तब सीता ने गागर पकड़ ली , ओर राधा ने फिर गिरने का नाटक कर के सीता पर धक्का लगा दिया ,सीता नीचे गिर गई , पानी मे गागर डूब गई और बाह गई ।
अब दोनों के पास गागर नही थी तब वह बुढ़िया के घर गये ओर उसे बोला माताजी हमारी गगरी डूब गई क्या आप हमें अपनी गगरी दोगी ।
बुढिया ने कहा बेटी जो भी पसंद हो वह गगरी उठा लो , राधा ने सोने वाली गगरी उठा ली , ओर सीता ने मिट्टी वाली तांबे की गगरी ले ली ।
अब राधा बहुत खुश थी , वह पानी लेकर घर आ गई वह बहुत खुश थी ।
अब जैसे ही राधा ने गागर नीचे रखी , गगरी से चीटियां निकलने लग गई ।
वह गगरी जादुई थी । चीटियां राधा पर चढ़ गई, राधा भागने लगे ।
ओर वह बुढिया के घर गई ।
घर गयाब होचुका था ।तब राधा चिल्लाई ओर बोली माता जी कहा हो आप यह की हो गया ।
वह बुढिया एक परी थी वह सामने आई और बोली यह तुम्हारे कर्मों का फल है ।
तुम्हरे पाप का घड़ा फुट गया है । अब तुम्हे भुगतना पड़ेगा ।
राधा रोने लग गई , चीटियों के काटने से राधा के शरीर पर दाने निकल गये ।
Moral stories in hindi -moral of tha story
इस कहानी का मोरल यह है कि हमे लालच नही करना चाहिए
लालच पाप का कारण है । ओर जब पाप का घड़ा भर जाता है तो उसका अंजाम बुरा होता है ।हमे लालच नही करना चाहिए ।
मुझे उम्मीद है कि आपको उस कहानी पसंद आई होगी, यदि कहानी पसंद आये
तो कहानी को लाइक ओर शेअर जरूर करे ।
यदि आप अपने पसंद की कोई कहानी पढनाचाहते है तो मोरल को कमेंट करे
यदि आप अपने पसंद की कोई कहानी पढनाचाहते है तो मोरल को कमेंट करे
, हम आपके मोरल पर कहानी जरूर लिखेंगें ।
Read also
0 Comments