moral stories in hindi
इस hindi moral स्टोरी में हम आपको एक ऐसे इंसान की कहानी सुनाने जा रहे है जिसने कभी भी झूठ नही बोला ओर मौत के सामने आने पर भी वह सच्चाई का साथ देता रहा ।
इस स्टोरी का मोरल है कि सच्चाई की ही जीत होती है । फिर चाहै झूट कितना भी चिल्ला चिल्ला कर बोला गया हो , परंतु सच को छिपाया नही जा सकता है ।
हमे सदा सच्चाई का साथ ही देना चाहिए ।
झूट को छिपाया नही जा सकता ।
एक राज्य में एक बूढ़ा किसान रमेश रहता था , वो अकेले ही था , बहुत गरीब ।
परंतु अपने मेहनत की खाता कभी झूट नही बोलता ।
इसी वजह से आस पास वाले भी उससे जलते थे वे कि रमेश सच्चाई का साथ देते हुए उनके भी काम बिगड़ देता था ।
वह दिल का बहुत अच्छा था ।
Hindi story with moral - सच्चाई की जीत : hindi kahani
इस स्टोरी का मोरल है कि सच्चाई की ही जीत होती है । फिर चाहै झूट कितना भी चिल्ला चिल्ला कर बोला गया हो , परंतु सच को छिपाया नही जा सकता है ।हमे सदा सच्चाई का साथ ही देना चाहिए ।
झूट को छिपाया नही जा सकता ।
एक राज्य में एक बूढ़ा किसान रमेश रहता था , वो अकेले ही था , बहुत गरीब ।
परंतु अपने मेहनत की खाता कभी झूट नही बोलता ।
इसी वजह से आस पास वाले भी उससे जलते थे वे कि रमेश सच्चाई का साथ देते हुए उनके भी काम बिगड़ देता था ।
वह दिल का बहुत अच्छा था ।
एक दिन राजा के दरबार मे चोरी हो गई , चोर में 3 सिपाही की जान भी ले ली जिससे सभी पूरे राज्य में उस ढूंढने लगे ।
चोर भागते हुए , रमेश के घर मे घुस गया और छिप गया ।
उसने समान बाहर छोड़ दिया जिससे रमेश की नजर उसपर पड़ जाए ।
जब रमेश घर आया तो उसने देखा कि सोना जमीन पर बिखरा है । उसने सोने के सिक्के उठाने ओर जमा करना शुरू किया वो बाद में कुछ करता तब तक सिपाही आ गए और उसेचोर समझ कर पकड़ लिया ।
अब रमेश ने कहा कि घर मे कोई घुस है और ये सोना उसका है , जो फिर सिपाही ने घर को छान मार ओर चोर भी पकड़ा गया ।
अब चोर बोला चोरी मेने नही की रमेश ने की है इसी लिए यह सोने के सिक्के छिपा रहा था ।
अब। सिपाहियो ने दोनों को गिरफ्तार कर दिया ।
दोनो रात भर जेल में रहे ।
अब सुबह को दोनो को राजा के सामने लाया गया ।
चोर ओर रमेश अपनी बात पर अड़े थे । अब निर्दोष को सज़ा नही दी जा सकती , इसी लिए कुछ फैसला नही हुआ ।
फिर राजा ने सोनो को कहा कि तुम दंड स्वरूप 4मील दूर से एक सैनिक के शव को यहां लाओगे ।
दोनो मान गए और चले गये ।
दोनो में शव को अर्थी पर डाल ओर लेकर आने लगे ।।तब चोर बोल पड़ा कि में तो चोर हूँ कोई बात नही पर तुम क्यों बिना किसी जुर्म के फस गये ।
तो सुरेश बोला सच्चाई की हमेसा जीत होती है , ओर अब दोनों दरबार में आ गए ।
अब फिर से मुकदमा होना था ओर किसी की सच्चाई पता नही चली थी ।
तब शव बना सैनिक खड़ा हुआ और उसने चोर की पोल खोल दी ।
चोर को फाँसी की सजा सुनाई गई ।
रमेश की नियत देख कर राजा बहुत प्रभावित हुए ,ओर रमेश को खुश होकर 100सोने की मुहरे दी ।
अब रमेश भी एक धनी इंसान बन गया ।
Moral of hindi story : moral stories in hindi
इस कहानी का मोरल यह है कि सच को छिपाने की कोशिस बहुत की जाती है परंतु वह छपिया नही जा सकता ।अंत मे सच्चाई की ही जीत होती है ।
हमे सदा सच का साथ देना चाहिए हमेसा झूट पहले सच दिखता है , परन्तु वह हमेसा छिपता नही ।
एक दिन सच सामने आता है और इंसान बुरी तरह फंस जाता है ।
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