एक मगरमच्छ के आंसू की कहानी है जिसमे एक मगरमच्छ अपने दोस्त को फंसाने के लिए झुटे आंसू दिखता है ।
इस story in hindi का मोरल झुटे लोगो से सावधान रहने की सीख देता है ।
एक तलाब के एक मगरमछ ओर उसकी पत्नी रहती थी , मगरमच्छ नदी से मछलिया खा कर गुजारा करता था ।
उसी तालाब के किनारे एक जामुन का पेड़ था जिसपर एक बंदर जामुन खाता था ।
एक दिन मगरमछ भी जामुन के पेड़ के नीचे चला गया ।
मगरमच्छ की नजर बन्दर पर पड़ी , वह उसे ददेखता रहा ।
तो बन्दर ने कुछ जामुन तोड़ के पानी मे फेंक दिए । जिन्हें मगरमच्छ में खा लिया ।
जामुन बहुत मीठे थे ।
मगरमच्छ वहीं रहा , तब बन्दर ने दोबारा कुछ जामुन की डाली पानी
मे फेंक दी , जिन्ह मगरमच्छ ने उठाया , और पत्नी के लिए ले गया ।
मगरमच्छ की पत्नी ने जब जामुन खाये वो बहुत खुश हो गई ।
अब मगरमच्छ रोज जामुन के पेड़ के नीचे जाने लगा , ऐसे करके बन्दर में ओर मगरमछ में दोस्ती हो गई ।
रोज मगरमछ अपनी पत्नी के लिए जामुन ले जाता था ।
एक दिन मगरमछ की पत्नी बोली कि जब तुम्हारे दोस्त के दिये जामुन इतने मीठे है तो उसका कलेजा कितना मीठा होगा ।
आप उसे भी लाना हम उसका कलेजा खाएंगे ।
मगरमच्छ कुछ नही समझ पाया ।
अब वह चला गया , उसने जामुन खाये , ओर बंदर को बोला कि दोस्त तुम
मुझे इतना जामुन खिला देते हो में भी तुम्हारे लिए कुछ करना चाहते हूँ ।
बंदर ने कहा में मछलिया नही खाता परंतु तुम मुझे पानी मे अपनी पीठ में घुमा सकते हो ।
मगरमच्छ मान गया , ओर अब बन्दर को अपनी पीठ में बैठा कर पानी मे ले गया ।
अब मगरमच्छ उसे गहरे पानी मे ले जाने लगा ,बंदर ने कहा दोस्त में पानी मे नही आ सकता , तो मगरमच्छ बोला दोस्त मुझे माफ़ कर दो , मेरी पत्नी तुम्हारा कलेजा खाना चाहती है ।
बन्दर डर गया परंतु उसने दिमाक से काम लिया , उसने बोला दोस्त तुमने मुझे पहले क्यो नही कहा , मेने तो अपना कलेजा पेड़ पर रख दिया था ।
मगरमच्छ ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है , तो बन्दर ने कहा कहीं मेरा कलेजा भीग न जाये इसी लिए , मेने उसे पेड़ पर रख दिया ।
मगरमच्छ में कहा चलो हम लेकर आते है तब चलेंगे ।
बन्दर मान गया ।
जैसे ही बन्दर किनारे आया तो पेड़ पर चढ़ गया ।
ऒर अपनी जान बचने के लिए दुआ की ।
।मगरमच्छ ने कहा चली दोस्त , तो बन्दर ने कहा मूर्ख मगरमच्छ , कोई अपना कलेजा कैसे बहार निकाल सकता है ।
तुमने अपनी पत्नी के कहने पर मूर्खता दिखाई और हमारी दोस्ती तोड़ दी ।
अगर तुम अच्छे इंसान होते तो तुम अपनी पत्नी को समझते , परंतु तुम मूर्ख हो ,तुमने अपनी मूर्खता से दोस्ती तोड़ी है ।
मगरमच्छ रोने लग गया और आंसू निकालने लग गया ,परन्तु बन्दर समझ
गया कि यह मुझे फसा रहा है तो बन्दर जल्दी से दूसरी डाली पर छलांग मार कर वहां से भाग गया ।
इस कहानी हमे सिख मिलती है कि हमे हमेशा बुद्धि से काम लेनाचाहिए , यदि बन्दर बुद्धि से काम नही लेता तो वह मर चुका होता ।
बन्दर ने बुद्धि से काम लिया और भाग निकला ।
दूसरा मोरल है कि हमे अपनी दुश्मन के आंसुओ पर तक विश्वास नही करना चाहिए ,
क्यो की वह आसुओ को चलते हमे फसा कर हानि कर सकते है।
इसी लिए मगरमच्छ के आंसू कहा जाता है ।
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आती होंगी , यदि आप अपने पसंद के
मोरल की कहानी पढना चाहते हो तो अपने मोरल को कॉमेंट में हमे बताये । हम आपके लिए नई story जरूर लिखेंगें।
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