मरीन का खजाना
Hindi kahani के पहले भाग समुद्री लुटेरे में अपने देखा की कप्तान राका खजाने की गुफा में फस गया था ।
और राजा कप्तान राका को वहीं छोड़ कर भाग आया था ।
पर आपने देखा कि अंत में राका बच कर आ जाता है , अपके मन में यह सवाल भी थे कि वह केसे बच जाता है तो उसका जवाब आपके इसी कहानी में मिलेगा ।
कहानी को अंत तक जरुर पढ़े ।
Hindi kahnai : मरीन का खजाना
मरीन का खजाना एक शापित खजाना था , ओर कप्तान राका एक पहला इंसान था जो में के खजाने से बच कर आया था ।
मरीन का खजाना
लगभग ३०० साल पहले एक राजा थे , वह बहुत ही धनी था ,उसे बहुत लालच था इसी वजह से उसने बहुत ज्यादा सम्पत्ति सोने हीरे , जवारात , अपने लिए जमा के दिए थे।
राजा को कोई संतान पैदा नहीं हो रही थी ।
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राजा को बेगम मरीन इस बात पर बहुत खफा थी कि उसकी कोई सन्तान नहीं है।
राजा की बेगम बहुत ही , अंधविशवासों ओर भरोसा करती थी ।
इसी वजह से पूजा पाठ , करना , यज्ञ , हवन , काला जादू करवाती थी , जिससे उसे कोई संतान की प्राप्ति हो ।
इतना सब कुछ करने पर भी राजा को कोई संतान प्राप्ति नहीं हुई ।
अब राजा को यह दुख सताने लग गया कि , मेरी इतनी संपति का हमारे जाने के बाद क्या होगा।
और रहा यह बिल्कुल नहीं चाहता था कि उसकी धन से कोई एक भी मुद्रा ले जाए ।
एक दिन राजा के राज्य पर किसी से आक्रमण के दिया , घमासान युद्ध छिड़ गया ।
अब राजा ने सोचा कि में युद्ध कर के की करूंगा जब मेरी कोई संतान नहीं है ।
अब राजा ने , अपने सारे खजाने को एक बड़े , जहाज पर लदावा दिया । और अपने कुछ सैनिक ओर अपनी बेगम को लेकर राज्य छोड़ कर समन्दर की ओर चला गया ।
राजा ने अपने राज दरबार में एक भी चीज नहीं छोड़ी , ओर वहां भी आग लगा दी ।
युद्ध में दुश्म नो की जीत हुई ।
और दुश्मनों को अपने दरबार से ही उस राज्य की बागडोर संभालने पड़ी ।
जिससे राजा कि प्रजा को कोई दिक्कत परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा ।
राजा ने जाते जाते भी अपने धर्म निभा दिया था ।
अब राजा अपनी संपति को लेकर जिस जहाज पर जा रहा था , उस जहाज का नाम था गोल्डफ्लेग ।
गोल्डफलेग जहाज बहुत तेज दौड़ता था इसी वजह खूंखार मछलियों के भवार से राजा ओर उसके कुछ सैनिक आसानी से निकल गए ।
अब उन्हें , वहां वह टापू दिखा ओर वह खजाना छिपने के लिए बिल्कुल उचित था
इसी वजह से राजा ने वहां अपने सैनिकों से एक गुफा खुदवा दी , ओर सारा खजाने उस गुफा में डाल दिया ।
राजा की पत्नी मरीन कलाजादू करती थी उसी वजह से उसने कलाजादु से एक शैतान पैदा किया , जो खजाने कि रक्षा करेगा ।
राजा ने कुछ सोने के सिक्के और कुछ चांदी के सिक्के अपने सैनिकों को दिए ओर कहा की तुम मेरे सबसे अजीज सैनिक हो ।
पर अब तुम्हारी जिमेदारी समाप्त हुई , अब में कोई राजा नहीं हूं ।
तुम सभी गोल्ड फ्लेग को लेकर चले जाओ और अपनी जिंदगी को दोबारा से शुरु करो ।
खजाने की जो सिक्के सैनिकों को दिए थे , उंन सिक्को को वह शैतान अच्छी तरह से पहचान गया ।
अब सैनिक गोलडफ्लेग जहाज को लेकर वापिस आ गए ।
राजा ओर उसकी रानी उसी टापू पर अपनी जिंदगी बिताने लगे।
राजा। ने प्रेम के करना उस टापू का नाम मरीन का खजाना रख दिया ।
सैनिक जब वापिस अपने घर जा रहे थे तो उनपर दुश्मनों ने हमला कर दिया , परंतु सभी सैनिकों ने बहादुरी से दुश्मनों को मार गिराया , ओर उनके जहाज ओर भी कब्जा कर दिया ।
अब सैनिकों बे फैसला किया कि वे सभी ऐसे ही समन्दर के सभी लुटेरे को मार कर पूरे समंदर पर अपना परचम लहरा देंगे ।
तब से वे सभी समुद्री लुटेरे के नाम से प्रसिद्ध हो गए।
कप्तान राजा के परदादा उस जहाज के पहले कप्तान बने थे ।
इसी वजह से राका भी गोल्ड फ्लेग जहाज का कप्तान था ।
अब इस सवाल का जवाब मिलेगा की राका मरीन के खजाने से केसे बच निकला : हिंदी कहानियां
जब राका के परदादा कप्तान बने थे तब उन्होंने राजा के खजाने की एक चांदी की मुद्रा से कप्तान कि पहचान हेतु
एक हार बनाया था ।
वह हार जिस भी इंसान के गले में होगा वह कप्तान ही होगा ।
और राका गिल्डफ्लेग का कप्तान था इसी वजह से उसके गले में वह हार था ।
जब कप्तान राका को धक्का देकर जक्क।र अंदर घुस गया तो जाक्क।र राका के खून का प्यासा बन चुका था , वह राका को जान से मार डालना चाहता था ।
इसी वजह से राका जल्दी गुफा से बाहर नहीं निकला , ओर जैसे ही जकक।र ने खजाने को छुआ तो शैतान जाग गया ओर उनसे राका ओर जाक्क।र पर हमला कर दिया ओर उसी वजह से भूकंप आने लग गया ।गुफा के एक छेद में जक्कड़ चले गया ओर दूसरे में राका ।
अब शैतान ने दोनों को मारने का प्रयत्न किया जाक्क।र को शैतान से जिंदा ही दफना दिया
अब वह राका को मारना चाहता था , राका ने बाहर आकर शैतान पर हमला किया शैतान उसे भी मारने वाला था परंतु , शैतान की नजर राजा के सिक्के पर पड़ी ।
अब शैतान ने कहा कि तुम्हारे पास यह सिक्का केसे है , अब कप्तान राका ने कहा कि यह मेरी पुश्तैनी विरासत है ओर यह गॉल्डफ्लेग जहाज के कप्तान की निशानी है ।
शैतान समझ गया ओर राका को कहा कि यह सिक्का इसी खजाने का हिस्सा है ओर यह राजा के बाद सिर्फ उनके सैनिकों के लिए था ।
और तुम राजा के सैनिकों के वंशज हो उसी हिसाब से तुम भी इस खजाने का उपयोग कर सकते हो ।
।राका ने शैतान को शुक्रिया किया ओर १००सोने की मुद्रा लेकर खजाने से बाहर निकाल गया ।
शैतान ने फिर राका से कहा कि अब तुम वापिस यहां मत आना और ना ही किसी ओर को उसका राज बताना ।
राका शैतान की बात मान गया ।
शैतान ने राका को इस जादुई नक्शा दिया जिससे राका बिना खूंखार मछलियों के भावर को पर किया दूसरे रास्ते वापिस आ गया ।
राका को उस रास्ते जाने में लगभग १ महीना लग गया , उसी वजह से सभी को लगा कि राका मर चुका है ।
पर अब राका वापिस आ गया और उसके साथियों ने उसे देखते ही उसे कप्तान बना दिया ।
जब राका के साथियों ने कहा कि आप बिना किसी कश्ती ने उस खूंखार मछलियों के भवर से केसे निकल आए ।
अब राका ने कहा कि मैंने उन मछलियों में से एक को पकड़ कर उसकी पीठ पर बैठकर उस भवर को पार कर दिया ।
वैसे यह बात झूट थी , परंतु राका के साथियों को यह बात सच लगी , क्योई वह कोई ओर रास्ता नहीं जानते थे ।
अब राका की कहानी जंगल कि आग की तरह चारो ओर फेल गई।
राका के वापिस आने से सभी लोग खुश थे ।
अब कप्तान राका के पास था जादुई नक्शा ओर अब वह किसी भी जगह कहीं भी सबसे जल्दी ओर आसानी से जा सकते थे ।
Hindi kahani : मरीन का खाजाना कहानी का अंत
और इस तरह इस कहानी का अंत हुआ मुझे उम्मीद है कि आपको अपके सवालों के जवाब मिल गए होंगे ।।
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हम इस कहानी का दूसरा भाग भी जल्द ही लिखने वाले है । इसी वजह से ब्लॉग को फॉलो ओर विजिट करते रहे ।
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