एक गांव की घटना है वह गांव में तीन भाई और एक बहन रहती थी भाई का नाम रमेश सुरेश रवि एक बहन राधा।
हालांकि राधा उनकी सौतेली बहन की और रवि उसे अपनी सगी बहन से भी ज्यादा मानता था परंतु रमेश और सुरेश उसे अपनी सौतेली बहन ही मानते थे राधा के पिताजी ने राधा के नाम पर अपनी सारी संपत्ति की थी जिस पर रमेश और सुरेश की नजर थी।
आइए मैं आपको सुनाता हूं कि आगे क्या
18 साल बीत चुके थे राधाअब 22 साल की हो चुकी थी रवि अपनी लॉ की पढ़ाई पूरा कर यूएसए में सेटल हो चुका था रमेश और सुरेश दोनों भाई अपना घर का काम संभालते दे।
दोनों के अपने छोटे छोटे बिजनेस में बीवी बच्चे सब अलग-अलग रहते थे राधा अपने पति के साथ रहती थी परंतु राधा का पति बहुत ही गरीब था वह एक किराए के घर पर रहते थे.
राधा का पति छोटी-मोटी नौकरी करता था जिससे उनका सिर्फ घर खर्च निकल सकता था मैं अपनी जरूरतें पूरी नहीं कर सकती।
1 दिन अचानक राधा की बेटी की तबीयत खराब हो गई उसे रुपयों की सख्त जरूरत आन पड़ी उसके पति की इतनी तनख्वाह नहीं की कि वह बच्ची का इलाज करा सकें।
तब राधा को एक रास्ता नजर आया राधा ने अपने भाइयों से रुपया लेने का फैसला किया चतरा को नहीं पता था की बहुत सारी संपत्ति उसके नाम पर है जिस पर उसके दोनों भाई रमेश और सुरेश रहते हैं।
वह रमेश और सुरेश के घर पहुंची और दोनों से अपने बच्ची के इलाज के लिए रुपए मांगे परंतु दोनों ने देने से मना कर दिया
राधा के बहुत कहने पर उनके दोनों भाइयों ने भी रुपया नहीं दिया , अब राधा रोते हुए अपने घर आ गई वह क्या करती रुपए ना मिलने से बहुत परेशान थी और बच्चे की तबीयत खराब थी।
वह अपने पति से कहती है कि मुझे मेरे भाइयों ने मुझे रुपए नहीं दिए अब हम क्या करें अब बच्ची का इलाज कैसे हो पाएगा तब उसका पति कहते हैं जो संपत्ति तुम्हारे पिताजी में विरासत में तुम्हारे लिए छोड़ी होगी हम उसके जरिए अपनी बेटी का इलाज करा सकते हैं।
राधा मान जाती है
राधा दूसरे दिन फिर अपने भाई रमेश और सुरेश के घर पहुंचती है कहती है मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए!
बस मुझे मेरे पिताजी की विरासत में दी हुई संपत्ति चाहिए कृपया उसे मुझे दे दीजिए मेरी बेटी बहुत बीमार है रमेश और सुरेश समझ गए की यह नहीं जानती कि यह सारी संपत्ति किसी के नाम पर है .
वह कहते हैं तू तो हमारे सौतेली बहन है मेरे पिताजी तेरे लिए विरासत में संपत्ति कैसे रख सकते हैं राधा कहती है मैं अपने पिताजी की ही बात कर रहा हूं।
मेरी संपत्ति का मुझे हिस्सा चाहिए जिससे मैं अपनी बेटी का इलाज करा सकूं होगी बाकी सब तुम रख लो परंतु उसके दोनों भाई नहीं मानते और उसे धक्के मार कर घर से बाहर निकाल देते हैं
राधा उनके दरवाजे पर रोती बिल्कुल आती है परंतु वह उसकी एक भी नहीं सकते तब तक पड़ोसी पुलिस को फोन करते हैं पुलिस आ जाती है।
और जबरदस्ती दरवाजा खुलवा की है तब इस बात पर चर्चा की जाती है कि संपत्ति किस-किस पर दी जाए उनके घर का वकील आता है
तब इस बात का खुलासा होता है की सारी संपत्ति राधा के नाम पर है और राधा के पिता जी ने वह संपत्ति विरासत में राधा को दी है।
अब राधा खुश हो जाती है पुलिस वाले राधा के दोनों भाइयों को के मार कर बाहर निकालते हैं परंतु राधा कहती है मेरे भाइयों को यहीं रहने दीजिए मुझे थोड़ा सा हिस्सा चाहिए अपनी बेटी के इलाज के लिए पुलिस मान जाती है और चले जाते हैं
अब रमेश और सुरेश बहुत परेशान थी की जिसे सब कुछ पता चल गया यह हमसे हमारी संपत्ति छीन लेगी वह एक प्लान बनाते हैं एक वसीयत तैयार करते हैं।
और उस पार राधा के हस्ताक्षर नहीं देंगे राधा को फिर से धक्के मार कर बाहर निकाल देते हैं राधा अपनी बेटी का इलाज करा चुकी थी।
इसीलिए वह कुछ नहीं कहती और वह चली जाती है अब रमेश और सुरेश उसके संपत्ति पर अपना हक प्राप्त कर बहुत खुश हो जाते हैं परंतु रमेश की पत्नी करती है ,
कि हम कब तक इस सुरेश के साथ रहेंगे हमें कुछ करना होगा सुरेश की पत्नी और बच्चों की कार एक्सीडेंट में मौत हो चुकी थी।
अब सुरेश अकेला था तो रमेश की पत्नी खाने में जहर मिलाकर सुरेश को दे देती है दूसरे सुरेश की मृत्यु हो जाती है पुलिस की छानबीन में पता नहीं चलता कि जहर कहां से आया।
अब रवि अमेरिका से आ चुका था वह अपनी बहन से भी मिलता है तब उसे सारी बात पता चलती है वह अपने घर जाता है भाई से पता करता है,
परंतु उसका भाई रमेश कहता है कि मुझे कुछ नहीं अब रवि भी छोटी-मोटी छानबीन करने लग जाता है।
जिससे वह 1 दिन सुन लेता है की सुरेश की मृत्यु कैसे हुई और कैसे उन्होंने राधा से उसकी संपत्ति छीनी थी इन सबको रिकॉर्ड कर लेता है और ,
अपने भाई रमेश के खिलाफ केस दायर करता है आप अपनी बहन को भी इंसाफ दिलाने के लिए लड़ता है।
तब पुलिस की छानबीन में पुलिस को पता चल जाता है कि रमेश ने ही सुरेश को जहर देकर मारा था जिससे रमेश उसकी पत्नी दोनों को उम्र कैद हो जाती है और राधा को उसकी संपत्ति मिल जाती है।
रमेश के एक बेटी और एक बेटा अब राधा के साथ रहते हैं रवि की भी शादी हो चुकी है और वह सभी एक साथ खुशी खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं
इस कहानी का मोरल हे की हमे लालच नहीं करना चाहिए ,राधा का परिवार लालची था ,
इसी वजह से उसे परिवार कुछ मर गया और कुछ जेल चला गया।
हमे लालच नहीं करना चाहिए।
मुझे उम्मीद हे की आपको यह कहानी पसंद आयी होगी कहानी की अधिक से अधिक से शेयर करे।
हम इस ब्लॉग पर ऐसी ही बहुत साऋ मोरल स्टोरीज हिंदी लिखते रहते हे हमारे साथ बने रहे और , ब्लॉग में vsit करते रहे .
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