यदि आपने हमारी समुद्री लुटेरे के कहानी का पहला भाग पढ़ा है तो आपने उसने
fairy tales in hindi जादुई शक्ति की तलाश , समुद्री लुटेरे की कहानी के तीसरे भाग में पढ़ा होगा कि रानी परी कप्तान राका से मदद मांगती है ।
अब कप्तान राका रानी परी को कहता
है कि में आपकी मदद जरुर करूंगा ओर कप्तान राका अपने जहाज गोल्ड फ्लेग में चले जाता है ।
इस कहानी का मोरल है कि अच्छाई कि ही जीत होती है ,ओर इसका मोरल यह भी है कि हमें अपने वादे कि कभी नहीं तोड़ना चाहिए ।
चलिए कहानी शुरू करते है ।
जब कप्तान राका अपने जहाज ओर वापिस लोट जाता है तो वह कुछ समय तक परियों के देश से जुड़े सभी कहानियों ओर किस्से को पड़ता गए लोगो से सुनता है ।
परियों के दुश्मन शैतान को हराना इतना आसान नहीं था उसी वजह से कप्तान राका परियों के देश वापिस नहीं जाता ।
पर कप्तान राका अपने वादे का पक्का था तो वह इस खोज में लगा था कि केसे उस शैतान को मारा जाए । उसने इस चीज के लिए पूरे समंदर को छान मारा ओर समन्दर से जुड़ी सभी किताबे पढ़ी ।
कप्तान राका को कोई भी रास्ता नहीं दिख रहा था ।
अब कप्तान राका को मरीन के खजाने के शैतान कि याद आयी ।
कप्तान राका ने सोचा कि वह शैतान भी 300 साल से मरीन के खजाने की रक्षा कर रहा है , उस शेटन की जरुर पता होगा कि , परी के दुश्मन शैतान को केसे मारा जाए ।
अब दूसरे दिन भोर खुलते ही कप्तान राका मरीन के खजाने की तरफ चल पड़ा , पर इस बार वह दूसरे ओर सरल रास्ते गए ।
कप्तान राका को मरीन जाने में इस बार मात्र २ दिन लगे ।
अब कप्तान राका मरीन के खजाने में आ गए ।
कप्तान राका ने रास्ते से ही शैतान की आवाज लगाई ।
चारो ओर हलचल होने लुगी सभी डर गए , परंतु कप्तान राका नहीं डरा , अब शैतान बाहर आया ओर कप्तान राका से बोला कि तुमने यहां आने की हिम्मत केसे की ।
अब कप्तान राका ने कहा मुझे आपकी एक मदद चाहिए ।
शैतान ने कहा कि कैसी मदद ,
अब कप्तान राका ने कहा कि परी के एक दुश्मन शैतान तुम उसे जानते होंगे , में उसे मारना चाहता हूं मुझे परियों कि मदद करनी है ।
क्या आप जानते है कि उस शैतान को केसे मारा जाए ?
अब मरीन का शैतान हसने लग गया , ओर बोला कप्तान राका जिस शेतन को मारने का तुम सोच रहे हो , उस मारना इतना आसान नहीं है ।
वह मेरा भाई है , परंतु ज्यादा ताकत की लालच ने उसे परियों का दुश्मन बना दिया ।
उसने तकात की लालच में कई परियों निर्दोष परियों को मौत के घाट उतार दिया ।
अब मेरे पिताजी ने उसे इस श्राप से उसे समन्दर के रास्ते में बांध दिया। यदि वह उस समन्दर से कहीं भी दूर जाएगा तो श्राप के कारण उसकी मौत हो जाएगी ।
कप्तान राका की समझ में बात आने लग गई ।
अब कप्तान राका ने शैतान को धन्यवाद किया , ओर तब उसने परियों दे देश जाने का फैसला किया ।
अब कप्तान राका गोल्ड फ्लेग जहाज की लेकर परी लोक चले गया । कप्तान राका ने अपने साथियों को कहा कि आप सभी यही रुको में परी लोक जा रहा हूं बाद में मै आपको बुला दूंगा।
गोल्ड फ्लेग जहाज का लंगर डाल दिया गया ओर परी लोक के बंदरगाह में डेरा डाला गया।
कप्तान राका परियों के देश में घुस गया ओर रानी परी से शैतान को मारने की बात की।
अब कप्तान राका ने शैतान को मारने का एक बहुत अच्छा प्लान बनाया था , इसी वजह से परियों के शैतान से युद्ध करने का सुझाव दिया गया।
अब परी में से कुछ ताकतवर परीया कप्तान राका के साथ राक्षस को मारने चली गईं ।
कप्तान राका ने परियों से जादुई द्वार की मांग की ।
इस बात से परियों के समझ में कुछ बात नहीं आती।
परियों ने सोचा कि इस द्वार से क्या हो सकता है , ओर परियों ने शैतान को वह द्वार दे दिया ।
और अब सभी युद्ध पर चले गए ।
परियों ओर शैतान में घमासान छिड़ गया ।
कुछ परी जख्मी हो गई , सभी परी एक उम्मीद भरी नजरो से कप्तान राका को देखने लगे ।
कप्तान राका अब आगे आया ओर शैतान को युद्ध से लिए ललकारा ।
शैतान हसने लगा ओर बोला की तुम ये समझते हो कि तुम मुझे मार सकते हो ।
कप्तान राका ने कहा ये तो वक्त ही बताएगा ।
अब कप्तान रका ने जादुई तलवार निकाली , शैतान ने कप्तान राका ओर हमला कर दिया पर जादुई तलवार का मुकाबला शैतान की जादुई तकात नहीं कर पा रही थी ।
अब उसने उछलकर कप्तान राका पर हमला कर दिया , कप्तान राका ने जादुई द्वार बीच में खोल दिया ओर उस द्वार को सहारा ने मरुस्थल में खोल दिया ।
जैसे ही शैतान रेगिस्तान में उतरा , शैतान ओर श्राप के कारण आग लग गईं ओर वह मर गया ।
अब कप्तान राका ने परियों को कहा कि चलिए आपका दुश्मन समाप्त हो गया।
यह बात परियों के समझ में नही आयी ।
अब कप्तान राका ने परियों के देश जाकर सारी बात परियों को बता दी ।
की शैतान कि एक श्राप मिला था कि यदि वह कभी भी भूमि में पैर रखेगा तो उसकी मौत हो जाएगी।
सभी परी बहुत खुश हो गई परियों ने कप्तान राका को शुक्रिया कहा ओर कप्तान राका को अपनी मदद करने के एवज में बहुत सारा धन भी दिया ।
और कप्तान राका को यह भी कहा कि कप्तान राका को यदि कभी भी परियों कि मदद चाहिए होगी तो वह कप्तान कि मदद भी जरुर करेंगे।
अब कप्तान राका ने जाने का फैसला किया , ओर वह अपने जहाज गोल्ड फ्लेग पर आ गया ।
कप्तान राका के साथी इतना धन देख कर बहुत खुश हुए और अब उन्होंने एक जशन करने का फैसला किया ओर वह अपने देश लोट गए ।
अब कप्तान राका पूरी दुनिया में एक बहादुर , सच्चे , मशहूर कप्तान राका के नाम से जाने जाने लगे ।
इस कहानी का moral है कि सच्चाई कि ही जीत होती है , ओर इस कहानी का मोरल यह भी है कि बुद्धि सबसे ताकतवर हथियार है । हमें अपने वादे कि सदैव पूरा करना चाहिए ।
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी यह कहानी बहुत पसंद आएगी , कहानी को लाइक ओर शेअर जरुर करे ।
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