मकर संक्रान्ति - मकर संक्रान्ति २०२९ | हिंदी निबंध
मकर संक्रांति हिंदी के कुछ खास त्यौहार में से एक है ।
मकर संक्रांति हिन्दुओं का एक मात्र ऐसा त्यौहार है जो हर साल में साल के एक ही तारीख पर पड़ता है ।
मकर संक्रान्ति को मकर संक्रान्ति क्यों कहते है
हिन्दू मानयताओं के अनुसार माना जाता गए की मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है इसे सूर्य का संक्रमण भी कहते है । ओर जब यह मकर राशि में प्रवेश करता है तो वह समय बहुत ही शुभ माना जाता है ।
हिंदी धर्म की मानयताओं के अनुसार इस दिन यदि कोई इंसान मां गंगा के पवित्र पानी में स्नान करे तो उसने सारे पाप मिट जाते है।
कई लोग घरों में तीर्थ स्थल के पानी कि छिड़काव करते है उससे नहाते भी है जिससे उनका शुभ हो ।
अब यदि मौसम के रूम में भौतिक तरीके से देखे तो मकर संक्रान्ति के बाद मौसम में बसंत ऋतु का आगमन शुरू होता है ।
मकर संक्रान्ति के बाद दिन बड़े ओर रात छोटी होने लगती है ।ओर अब से ही गर्मियों का आगमन भी शुरू होता है ।
हमारे देश में सभी जगहों पर लोग तीर्थ स्थल में स्नान करते है ।
यह साल के कई शुभ दिनों में से एक शुभ दिन है ।
मकर संक्रान्ति के दिन अपने लोगो को बच्चो को पतंग उड़ाते देखा होगा । ऐसा करना शुभ माना गया है ।
पूरे देश में मकर सक्रांति को कई तरीकों से मनाया जाता है ।
परंतु में आपको उत्तराखंड कि सस्कृती से अवगत करवाना चाहता हूं ।
मकर संक्रान्ति के दिन उत्तराखंड के शहरों में भी पतंग उड़ाई जाती है । लोग अपने घरों में पकोड़ियां , स्वाल , जैसे खाद्य सामग्री बनाते है ।
।परंतु उत्तराखंड के कई गावों में मकर संक्रान्ति को एक बड़े त्यौहार के रूप में मनाया जाता है ।
मकर संक्रान्ति के दिन उत्तराखंड के ३ इलाकों में मेला आयोजन किया जाता है ।
इसे गेंद के मेले के नाम से जाना जाता है ।
ओर इसका एक महत्व इस लिए भी है क्योंकि इस मेले में गांव से बाहर पलायन से गए हुए लोग अपने गांव वापिस आते है ओर अपने रिश्तेदारों से मिलते है ।
जिससे साल में एक बार सभी कि मुलाकात हो जाती है । इसी वजह से प्राचीन काल में गेंद के मेले की बहुत मान्यता दी जाती थी ।
अब भी गेंद के मेले का आयजन किया जाता है परंतु लोगो का अभाव होने के कारण अब मेले में भीड़ बहुत कम होती है ।
इस मेले के गेंद का मेला इस लिए कहा जाता है क्योंकि इस मेले में ७ किलोग्राम की चमड़े से बनाई गई को दो टीमों के बीच छोड़ दिया जाता है ओर अब दोनो टीम के लोग गेंद के अपने पाले में के जाने की कोशिश करते है ।
जो टीम इस काम में सक्षम होती है वहीं विजेता होती है ।
इन टीमों का नाम ढांगु ओर उदयपुर होता है ।
सभी लोग मिल जुल कर इसका आनंद लेते है ।
ओर यही करना है कि मकर संक्रान्ति उत्तराखंड में कुछ खास ही त्यौहार के रूप में नजर आता है।
एक मान्यता के अनुसार मकर संक्रान्ति में मकर राशि के लोगों के भाग खुल जाते है ओर उसके जीवन में खुशी आती है ।
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरे द्वारा मकर सक्रांति के बारे में बताई गई सारी जानकारी पसंद अाई होगी ।
अगर आप कुछ ओर भी जानकारी पाना चाहते है तो कमेंट में जरूर बताए ।
मुझे आपकी मदद कर के खुशी होगी ।
आप सभी को मेरी ओर से मकर संक्रान्ति की ढेरो शुभकामनाए ।
आपका दिन मगलमय हो ।
धन्यवाद ।
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