real life story in hindi , जिंदगी का एक दिन
आज वेलेंटाइन डे है ओर आज का दिन मेरा बहुत ही अच्छा गया । मै आज दिन भर अपनी प्रेमिका के साथ रहा , उससे खूब बाते की जी भर के उसे देखा बस देखता ही गया ।
इस दिन से मुझे लगा कि काश जिंदगी एक दिन की होती तो में खुशी खुशी मारने को तैयार हूं ।
प्यार एक बहुत पवित्र ओर अच्छा एहसास है । परंतु यह बस वही लोग जानते है जिन्होंने सच्चा प्यार किया है ओर दिल से प्यार किया है ।
प्यार की कीमत बस तभी पता चलती है जब वह बड़ी मुश्किल से हमे मिला है ।
मै इस बात के इसलिए जानता हूं क्योंकि में 8 साल से अपनी प्रेमिका के साथ एक प्रेम संबंध में हूं ।
बहुत दूरी होने के बावजूद भी वह मुझे अपने साथ ही लगती है ।
8साल पहले मैने अपनी प्रेमिका को अपने प्यार के बारे में बताया था जब हम दोनों कक्षा 10 में साथ ने पढ़ते है ओर वह भी वेलेंटाइन वीक का ही समय था ।
मुझे नहीं पता था कि उसने उस दिन मेरा जवाब क्यों नहीं दिया
दशवी के पेपर के बाद वह मुझे छोड़ के शहर के स्कूल में पढ़ने चली गई में उससे यह भी नहीं पूछ सका की क्या वह भी मुझसे प्रेम करती है ।
पूरे चार साल तक में उसकी एक तस्वीर को देख के उसके होने की कल्पना करता था ओर सोचता था कि क्या वह भी मुझसे प्रेम करती है ? ।
क्या वह भी मुझे इतना याद करती है जितना में उसे करता हूं ?
परंतु में कभी उससे पूछ नहीं पाया ।
परंतु एक दिन 4 साल बाद मुझे उसका कॉल आया ओर उसने मुझसे बात की , वह दिन भी मेरी जिंदगी का सबसे हसीन दिन था । मेरे पर्ट जमीन पर नहीं थे ।
इतनी खुशी कभी नहीं हुई जितनी उस दिन हुई थी , ओर जब मुझे पता चला कि वह भू मुझसे प्यार करती है थी मेरी जिंदगी मानो जीते जी स्वर्ग बन गई हो।
मै शब्दों में अपने प्यार के एहसास को बयां नहीं कर सकता परंतु इतना जरूर बता सकता हूं कि जैसे प्यासे को पानी मिल जाने पर , ओर भूके को रोटी मिल जाने पर जितना सुकून मिलता है , तो उससे कई गुना अधिक मुझे मिला।
मानो मेरी वर्षों की मेहनत ओर धैर्य आज रंगत लाया हो । मुझे पूरे चार सालों से उसका इंतजार था ।
कहते है ना सब्र का फल मीठा होता है , तो वह बिल्कुल सच है ।
आज में मेरी प्रेमिका मुझसे मिलने आ रही है ओर मुझे उसका इंतजार है ।
चलिए पुरानी बाते हम किसी ओर कहानी में करेंगे अब में आपको अपने आज के दिन के बारे बताता हूं ।
Real life story in hindi । जिंदगी का एक दिन । True story in hindi
चलिए में आपके अपने एक दिन के बारे में बताता हूं कि मेरा आज का दिन कैसा गया ।
मेरा नाम अभय है ओर में उत्तराखंड के ऋषिकेश में रहत हूं , मेरी प्रेमिका का नाम सोनल है । वह उत्तराखंड के कोटद्वार में रहती है ।
आज वेलेंटाइन डे है ओर कल सोनल देहरादून में किसी चीज का पेपर है ।
सोनल में मुझे फोन करके कहा कि द्देहरादून मेरा पेपर है तो में एक दिन पहले यानी आज के दिन अपने पेपर का सेंटर हॉल देखने जाऊंगा ।
बस फिर क्या था मैने कह दिया कि ऋषिकेश के रास्ते आना हम दोनों साथ में चलेंगे ।
सोनल मान गई ओर सोनल ने मुझे कहा कि में सुबह सात बजे आऊंगी ।
आज 14 फरवरी वेलेंटाइन डे है आज सुबह से ही बारिश आ रही है। मौसम बहुत ही ठंडा है पर मुझमें एक अलग ताजगी है क्योंकि में अपनी प्रेमिका से मिलने जा रहा हूं ।
मै आज 6 बजे उठा ओर नहा धो कर तैयार हो गया ।
मैने घर में एक झूठा बहाना बनाया की में किसी काम में देहरादून जा रहा हूं ओर में आ गया सोनल से मिलने ।
सात बजे बहुत ठंड ओर तेज हवा ओर बारिश में ऋषिकेश के बस अड्डे में खड़ा था आश लगाए की सोनल आती ही होगी ।
परंतु सोनल नहीं अाई मैने सोनल को कॉल करना शुरू किया अब वह मेरा कॉल भी उठा रही थी मुझे नहीं पता था कि क्या कारण हो सकता है परंतु में उसका इंतजार करता हूं ।
अब आठ बज चुके है ओर बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही परंतु सोनल अभी तक नहीं आई ।
ठंडी हवाओं से मेरे शरीर की कुल्फी जम चुकी है परंतु अभी भी मेरे सब्र का बांध नहीं टूटा ओर मुझे विश्वास है को सोनल आती ही होगी ।
मैने सोनल को फिर से कॉल करना शुरू किया परन्तु उसने एक भी कॉल नहीं उठाई , अब नों बज चुके है ओर अभी तक सोनल नहीं आई मैने फिर भी पता नहीं केसे सभ्र को बांधे रखा है ।
ठंडी से हालत खराब है उपर से बारिश परंतु सोनल से मिलने का जुनून या पागलपन एक उम्मीद के साथ में अभी भी खड़ा हूं
10 बज गए मैने सोनल को कॉल की अब सोनल ने कॉल उठा ली मैने तुरन्त पूछा कि कहा हो तुम, यार फोन तो उठा लो में सुबह से आपका इंतजार कर रहा हूं ।
सोनल ने कहा कि में बस आने ही वाली हूं मेरी बुआ साथ थी इसी वजह से कॉल नहीं उठाया ।
अब में थोड़ा खुश था कि चलो वह आ तो गई है ।
अब सोनल मेरे पास पहुंच गई में उसे देख कर ही खुश हूं उसकी आंखो में भी मुझे देख के चमक थी ।
मैने सोनल के साथ हाथ मिलाया ओर थोड़ा गुस्से में बोला , " यार तुम पागल हो गया , जब इतनी देर में आना था तो मुझे जल्दी क्यों बुलाया , मेरी ठंड से हालत खराब हो गईं " ।
सोनल ने तुरंत खात अच्छा मैने कब कहा कि मुझसे मिलने आ , में चुप , में क्या बोलता में इतने में ही खुश था कि वह मेरे साथ है ।
अब हम दोनों देहरादून के लिए बस ढूंडने लगे पर कोई बस नहीं थी तो हमने सोचा थोड़ा चौराहा तक पैदल चलते है तब देखते है कि क्या करना है ।
हम दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा और चल गए सड़क पर ।
अब हम नटराज चोक तक आ गए इससे आगे जंगल लग जाता है ।
देहरादून के लिए कोई बस नहीं थी जाए तो जाए केसे फिर हमने सोचा कि किसी टेंपो में बैठ कर चलते है तो में ओर सोनल टेंपो की आगे की सीट पर बैठ गए ।
मै दिल ही दिल इतना खुश था कि जिसकी कोई हद नहीं । मेरा प्यार मेरे बगल में था ओर में आज पूरा दिन उसके साथ बिताने वाला हूं ।
सोनल से मिलने की खुशी में मुझे भूक तक नहीं लगी मैने आज खाना भी नहीं खाया था । हम दोनों टेंपो से सीधे जोलिग्रांट आ गए।
अब हम उतार के देहरादून की सिटी बस में एक सीट पर बैठ गए सोनल ने मेरा हाथ पकड़ा था ओर उसने अपना सिर मेरे कंधे पर रखा था ।
आपको पता होगा यदि आपकी प्रेमिका ने कभी आपके कंधे में पहली बार सीर रखा हो तो आपको कैसा लगेगा में बहुत ही खुश था , बस में खिड़की से आ रही हवा के कारण सोनल के बाल मेरे मुंह पर गुदगुदी के रहे थे ।
यदि समय को रोकने वाली कोई मशीन होती तो में आज का दिन हमेशा रोक लेता । इतनी खुशी मुझे अपनी जिंदगी में कभी नहीं हूं ।
अब हम दोनों सोनल के एग्जाम सेंटर आ गए जो कि कुवावाला में है ।
मैने सोनल कि एग्जाम सेंटर सिखाया ओर हम घूमते फिरते सड़क के किनारे चलने लगे ।
अब हमने दूसरी बस पकड़ी जो सीधे देहरादून के घंटाघर जाती है । हम दोनों जैसे तेसे बस में चढ़ गए ।
बस में बिल्कुल भी जगह नहीं थी मैने बस पर लगी रॉड पकड़ ली और खड़ा हो गया अब सोनल ने भी मुझे पकड़ लिया और मुझसे चिपक के खड़ी हो गई , मेरी खुशी मुझे ही पता है ।
अब हम घंटाघर आ गए । हम बस से उतरे ओर घूमते फिरते एक दूसरे का हाथ पकड़ कर सीधे परेड ग्राउंड आ गए ।
परेड ग्राउंड से हमने थोड़े फल ओर नमकीन खरीदी ।
अब सोनल ने कहा कि चलो मेरी सहेली के रूम पर चलते है । तो में भी मान गया ओर हम अब सीधे सोनल की सहेली के रूम पर चले गए ।
हमने थोड़ा मुंह हाथ धोया ओर अब सोनल कि सहेली ने कहा कि चली घूमने ओर हम फिर से घूमने निकाल पड़े ।
अब सोनल की सहेली के कुछ ओर सहेलियां भी आ गई ओर वह सभी एक बार में घुस गए ।
मै अपनी जिंदगी में पहली बार किसी बार में गया ।
बिल्कुल अंधेरा ओर कुछ शराब पीते लोग ओर एक डीजे वाला जिसपर बड़े अच्छे पार्टी सॉन्ग चल रहे थे ।
अब सोनल ओर में एक कोने में बैठ गए ओर सोनल की सहेलियां अब बियर ओर हुक्का ले आई ।
मै नशा नहीं करता परंतु सोनल की सहेली को हुक्के के धुएं से छले बनाते देख में दंग था उसके अंदाज से लग रहा था कि वह बहुत ज्यादा नशा करती होगी ।
खेरी हमें क्या मै दिन भर सोनल से बाते करता रहा उसका हाथ पकड़ता , उसे देखता , ओर उसे देख कर बहुत खुश होता ।
हमने थोड़ी पेप्सी पी ओर हमने कहा कि हम दोनों रूम में जा रहे है ओर हम दोनों रूम पर निकाल पड़े ।
हमे भुक भी लग गई थी ओर थकान भी हम जाते ही बिस्तर में लेट गए ।
सोनल मेरे कंधे पर सिर रख कर लेती थी ।
आज भगवान कि कृपा मुझ पर ही थी ।
मैने सोनल से बहुत बाते हूं उसे बताया कि मैने उसे कितना याद किया उससे बात करने की कितना तड़पा में । मैने उसे अपने गले से लगाया ओर बहुत खुश हुआ । शाम ही गई ओर में घर नहीं आया मैने घर फोन कर के बोल दिया कि में कल आऊंगा ।
अब में रात की भी सोनल के साथ था सोनल की दोस्त केक ले अाई ओर बोली कि वेलेंटाइन केक तो काटना ही पड़ेगा ।
हमने केक कटा ओर खाया अब रात का खाना बनाया । खाना खाया ओर अब सोने की बारी थी , में ओर सोनल एक बिस्तर में लेट गए , ओर बगल में सोनल कि सहेली कि बहन भी थी ।
सोनल की सहेली दूसरे रूम में सो गई । अब पूरी रात हमारी थी , हमने एक दूसरे का हाथ पकड़ा था हमने बहुत बाते ही पूरी रात बातो में निकाल गई ।
रात के २ बज चुके थे ओर नींद का नाम नहीं सोनल ने खस मुझे पानी पीना है तब में पानी लाया ओर मैने अब सोनल को खस की तुम सो जाओ कल पेपर भी है ।
परंतु हम दोनों सोए तो सोए केसे आज तक इतनी खुसी कभी नहीं मिली थी दोनो एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे ।
बड़ी मुश्किल से हम नींद आईं ,। मैने सोनल को कस के पकड़ लिया और कहा कि मै तुमसे हमेशा प्यार करूंगा ओर हम सो गए ।
अगले दिन उठकर हमने चाय पी और जल्दी तैयार होकर हम वापिस आ गए ।
मैने सोनल को उसके एग्जाम सेंटर छोड़ा ओर उस अलविदा किया ओर वापिस आ गया जितनी खुशी मुझे उसके साथ मिली उतनी खुशी आज तक कभी नहीं मिली ।
यह दिन मेरी जिंदगी का सबसे हसीन दिन था ओर मुझे यह हमेशा याद रहेगा ।
अगर आप इससे भी आगे पढ़ना चाहते है तो मुझे कमेंट जरुर बताए में आपके लिए कहानी जरुर लिखूंगा ।
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