श्याना कोवा | Short funny story with moral
आप सभी लोगो ने प्यासा कॊवा की कहानी सुनी ही होगी , जिसने वह घड़े में पत्थर डाल कर पानी पी लेता है ।
पर आज में आपके शयाना कोवे की कहानी सुनाना वाला हूं जिसे सुन कर आपको मजा भी आयेगा ओर सीख भी मिलेगी ।
Short Funny story with moral - Hindi Story
जब भी हमारे आप पास को इंसान हमसे चालाकी करता है तो हम कहते है की यह आदमी श्याणा बन रहा है , उस जगह में श्याण का मतलब होता है चंट ।
यह कहानी भी एक ऐसे ही चं कोवे कि है ।
बाज़ार में एक मीट कि दुकान थी , मीट के टुकड़े के लालच में क ई कोवें उस दुकान को घेर कर बैठे रहते थे।
जैसे ही दुकान के मालिक की नजर मीट से हटती तो कोवे झपट पड़ते ।
दुकानदार इस सभी से बहुत परेशान था । वह गुलेल लेके कोवे को भगाता लुगभाग कई कोवा भाग जाते परंतु एक चंट कौवा बड़ी चालाकी से मीट का टुकड़ा उठा कर ले जाता ।
दुकानदार को पता चल गया कि ये कौवा ज्यादा चंट बनाने की कोशिश कर रहा है
अब दुकानदार चालाकी में उसका भी बाप था ओर उसने कौवा को मारने का प्लान बनाया ।
अब जब दूसरे दिन दुकानदार ने फिर से गुलेल लेके कौवा को भागने की कोशिश की तो वह चंट्ट कौवा फ़िर से मीट पर झपटा पर इस बार मीट के उपर जाला बिछाया गया था ।
अभी कौवा इस बात को नहीं जानता था , उसने जैसे ही झपटा मारा उसका पंजा जाल पर फस गया ।
कौवे को जाल पर फंसते ही साक्षात अपनी मौत नजर आ गई ।
कौवे ने अपनी पूरे ताकत से जोर मारा , जब तक दुकानदार कौवे पर झपटता तब तक कौवा जाल से छूट गया ।
ओर भाग गया ।इस बार कौवे के सास में सांस अाई पर वह आज भूका रह गया । वह करे तो क्या करे ।
अब दूसरे दिन दुकानदार ने मुर्गियां बिना मारे रख दी सभी कौवे ताकते रहे पर मीट का टुकड़ा नहीं था ।
अब फिर से ने कौवे को भगाना शुरू किया ओर इस बार चांट कौवे ने कुछ ओर सोचा उसने देखा कि मुर्गियां सफेद है ओर अभी काटी नहीं गई , तो कौवे ने भी सफेद पैंट की बाल्टी से छलांग लगा दी ओर सफेद कौवा बन के मुर्गियों के बीच घुस गया ।
पर अब उसका दाव उल्टा पड़ गया , दुकानदार ने सभी मुर्गिए को डिब्बे में बंद कर दिया ओर कौवा भी बंद वह करे तो क्या करे , पैंट सूखने लगा ओर कौवा प्लास्टिक जैसे ठोस होने लगा ओर जब तक पैंट सूखा कौवा सूख कर मूर्ति बन गया वह हिल नहीं पा रहा था उसकी चालाकी उसी की जान पर आ बनी उस समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है ।
अब उसे अपनी तरफ़ मुस्कराते हुए दुकानदार आता दिखाई दिया पर कौवा भाग भी नहीं सकता था ।
दुकानदार ने कौवे को पकड़ा और बोला क्या बेटा अपने बाप से बहुत चालाकी कर रहा है , अब तो तू गया ।
दुकानदार ने कौवे को काट डाला ओर उसके टुकड़े दूसरे कौवे को खाने को दे दिया ।
ओर आखिरकार दुकानदार को चालक कौवे से मुक्ति मिल गई ।
Moral of this Hindi story
हमे अपने दुश्मन को कभी बेवकूफ ओर ज्यादा कमजोर नहीं समझना चाहिए ।
ज्यादा चालाकी भी हम मोत के मुंह तक ले जा सकती है बाकी आप अब चांट कौवे की कहानी तो जान ही चुके है ।
दोस्तो आपको मेरी यह short funny moral story कैसी लगी कॉमेंट में जरूर बताए ।कहानी पसन्द आयी हो तो कहानी को अधिक से अधिक शेयर करे ।
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